श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का भाषण - एनडीडीबी के मार्गदर्शन में ग्राम स्तरीय घरेलू बायोगैस आपूर्ति परियोजना का शुभारंभ (वाराणसी दुग्ध संघ के निकट, ग्राम एकौनी, जिला चंदौली, उत्तर प्रदेश) 27 जुलाई, 2022

आज यह बड़े हर्ष का विषय है कि चंदौली जिले के एकौनी गांव में घर-घर में बायोगैस आपूर्ति करने के लिये 200 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन बायोगैस उत्पादन क्षमता का एक बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है, जिसका शुभारंभ माननीय श्री अतुल चतुर्वेदी, सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार के द्वारा आज हुआ है|

जैसा की आप लोग जानते है कि यह बायोगैस प्लांट “साफ बायोगैस प्राइवेट लिमिटेड” द्वारा स्थापित किया गया है और इस पूरे परियोजना में श्री नागेंद्र सिंह, जिनकी “नन्द सदन गौशाला” में आज यह कार्यक्रम हो रहा है, उनका बहुमूल्य योगदान है|

श्री नागेंद्र सिंह और SAAF एनर्जी का यह प्रयास बहुत सराहनीय है और आज इस उपलब्धि को बहुत ही कम समय में हासिल करने पर मैं दोनों को हार्दिक बधाई देता हूँ|
इस परियोजना को टाटा ट्रस्ट प्रायोजित सस्टेन प्लस एनर्जी फाउंडेशन से वित्तीय सहायता मिली है जिसके लिये मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूँ|

इस परियोजना में जुड़े सभी संस्थाओं और लोगों के लिये और खास कर पूरे एकौनी गांव के लिये, यह गौरव की बात है कि एक उद्यमी द्वारा प्रायोजित piped biogas ग्रिड नेटवर्क बनाने एवं biogas slurry आधारित खाद संवर्धन करने वाली यह उत्तर प्रदेश राज्य की ऐसी पहली परियोजना होगी|

इस नयी परियोजना से एकौनी गांव के लगभग 120 परिवारों को pipeline से चौबीस घंटे धुआँ मुक्त रसोई ईंधन मिलेगा जो कि एलपीजी की तुलना में सस्ता और सुरक्षित होगा |
इससे उन्हें अतिरिक्त (surplus) गोबर के नियमित disposal में मदद तो मिलेगी ही, साथ ही बायोगैस स्लर्री एवं स्लर्री से बने जैविक खाद के उपयोग से कृषि में भी लाभ मिलेगा |
वर्तमान में जो परिवार खाना पकाने के लिये लकड़ियों अथवा गोबर के उपलों पर निर्भर है, उन्हे सरल, स्वच्छ और सस्ता रसोई ईंधन का विकल्प मिलेगा।
इससे ग्रामीणों का और खास कर महिलाओं का जीवन सरल होगा और उनके लिये लकड़ियाँ जमा करने और उपले बनाने इत्यादि का समय भी बचेगा|
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिये NDDB ने SAAF एनर्जी को समय-समय पर मार्गदर्शन दिया और परियोजना का प्रारूप बनाने, गौशाला का चयन करने तथा गोबर एकत्रीकरण के लिए एक प्रणाली स्थापित करने में मदद की है|

आगामी दिनों में NDDB किसानों तथा बायोगैस के ग्राहकों से वित्तीय लेनदेन के प्रबंधन के लिए भी एक व्यवस्था विकसित करने तथा बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली बायोगैस स्लर्री (घोल) के प्रबंधन और खाद प्रसंस्करण पहलुओं में भी इस परियोजना को समुचित सहायता प्रदान करेगी|
एकौनी गांव का यह बायोगैस संयंत्र, वाराणसी डेयरी प्लांट से लगभग 5 कि.मी. की दूरी पर है, जहां पर NDDB प्रतिदिन 100 टन गोबर प्राप्ति क्षमता का एक बायोगैस प्लांट स्थापित कर रही है जिसकी आधारशिला भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिसंबर 2021 में रखी गई और जिसका काम त्वरित गति से प्रगति पर है|
एनडीडीबी ने गोबर से बने जैविक खाद को एक जैसी पहचान देनें के लिए "सुधन" नाम से एक ट्रेडमार्क भी रजिस्टर किया है| आज इस अवसर पर क्षेत्र के किसानों में बायोगैस स्लर्री से बने जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये, NDDB के ट्रेडमार्क “सुधन” जैविक खाद का वितरण भी कुछ किसानों को किया जायेगा|
गोबर से संचालित होने वाले स्वच्छ कुकिंग piped biogas ग्रिड नेटवर्क का यह अनूठा प्रयास एक गोबर आधारित waste recycling इकोनॉमी मॉडल विकसित करने में सहायक होगा| मुझे पूर्ण विश्वास है कि एक बार सफलता पूर्वक स्थापित हो जाने पर, राज्य सरकार या केंद्र सरकार की विकास योजनाओं, सी.एस.आर. अथवा अन्य विकास परियोजनाओं के तहत, एकौनी गांव का यह मॉडल देश के अन्य हिस्सों में भी विस्तार के लिए एक मजबूत प्रेरणास्रोत बनेगा|
NDDB की ओर से मैं “नन्द सदन गौशाला” को, SAAF एनर्जी को और पूरे एकौनी गांव को एक बार फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ|

धन्यवाद