श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का संबोधन - राज्य स्तरीय मधुमक्खी पालन संगोष्ठी, सुंदरबन, पश्चिम बंगाल - 5 नवंबर 2022
श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का संबोधन - राज्य स्तरीय मधुमक्खी पालन संगोष्ठी, सुंदरबन, पश्चिम बंगाल - 5 नवंबर 2022
किसान भाइयों एवं बहनों।
आज Sundarbans Milk Union के द्वारा आयोजित इस 2 दिन के State Level Beekeeping Seminar के अवसर मैं आप सब के बीच उपस्थित होकर काफी खुशी का अनुभव कर रहा हूँ ।
अगर हम मधुमक्खियों के जीवन को देखें तो हम पाएंगे कि उनके जीवन में दो बाते बड़ी महत्वपूर्ण हैं ।
पहला है संगठन (Organization) -आपने देखा होगा कि मधुमक्खियाँ किस प्रकार organized हो कर अपने छत्ते में रहती हैं ।
दूसरा है संयुक्त प्रयास (United Efforts) चाहे वो Worker हो या Drone या फिर Queen, इनका संयुक्त प्रयास ही इनको आगे बढ़ाता है।
जैसा कि मैं देख पा रहा हूँ , आज Bee-keeping Sector , Dairy Sector, Forest Sector से संबन्धित West Bengal के कई Organizations, institutions, stakeholders, beekeepers और farmers यहाँ एक साथ एकत्रित हुए हैं। आप सबका इतनी बड़ी संख्या में यहाँ उपस्थित होना हमारे किसानों के लिए इस महत्वपूर्ण activity के प्रति आपके उत्साह को दर्शाता है । इस सफल प्रयास के लिए मैं सभी concerned Government Departments, West Bengal Milk Federation, Sundarban Milk Union तथा दूर दूर से आए हमारे किसान भाइयों , बहनों को बधाई देता हूँ ।
देश में West Bengal शहद उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान रखता है और beekeeping sector के लिए जो भी natural resources चाहिए वो यहाँ अच्छी मात्रा में उपलब्ध हैं ।
निश्चित रूप से हम सब के इस संयुक्त प्रयास से West Bengal में Beekeeping Sector को और प्रोत्साहन मिलेगा और Beekeeping को West Bengal में एक स्वतंत्र उद्यम (Free Enterprise) की तरह विकसित करने में मदद मिलेगा ।
हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर आहवाहन किया है और जिस प्रकार देश में डेरी के क्षेत्र में ‘White Revolution’ हुआ और देश दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना वैसे ही उन्होनें Honey के क्षेत्र में ‘Sweet Revolution’ लाने का vision दिया है।
यह बहुत जरूरी है क्योंकि वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन एक ऐसी गतिविधि है जो न केवल शहद उत्पादन से, बल्कि beeswax, propolis और honey bee venom इत्यादि जैसे अन्य उत्पादों से किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है।
एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि तथा बागवानी के फसलों के cross-pollination के जरिये से उत्पादन बढ़ाने में इसकी भूमिका बहुत अहम है ।
राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, सहकारिता के माध्यम से देश के डेयरी क्षेत्र को आगे बढ़ाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। हमें यह भलीभाँति ज्ञात है कि चाहे वह दुग्ध उत्पादक हों या किसान, आज के इस दौर में जरूरी है कि उन्हें ‘multiple sources of income’ उपलब्ध कराया जाए। इनमें beekeeping as an activity का बहुत ही बड़ा role है।
हमने देखा है कि किसानों तक अपनी व्यापक पहुंच तथा जुड़ाव के कारण डेरी सहकारी संस्थाएँ, ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने का एक सक्षम माध्यम बन सकती हैं।
West Bengal में Sundarban Milk Union इस संदर्भ में एक अच्छा उदाहरण है । Sundarban Milk Union ने न केवल शहद बल्कि किसानों के कई अन्य उत्पादों को जैसे दाल, चावल , अंडे इत्यादि को भी आधुनिक बाज़ार व्यवस्था से जोड़ा है । Honey के बाद beekeeping sector में Beeswax का large quantity में उत्पादन होता है । इसका प्रयोग Cosmetics, Candles, Pharmaceuticals, electric इत्यादि इंडस्ट्री में होता है । मुझे यह जान कर अच्छा लगा कि Sundarban Milk Union ने beeswax से Candle बनाना भी शुरू किया है ।
NDDB देश के डेरी नेटवर्क के माध्यम से किसानों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास कर रहा है । इन प्रयासों को कई स्तरों पर किया जा रहा है।
देश भर में National Beekeeping and Honey Mission के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे किसान beekeeping करने में पर्याप्त रूप से कुशल और skilled हो सकें, ताकि इस व्यवसाय को अपनाने में किसी भी तरह की विफलता की संभावना को कम किया जा सके।
इन कार्यक्रमों में हम स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि/बागवानी विश्वविद्यालय, क्षेत्र के प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों, एनबीबी की सदस्य समितियों को भी शामिल कर रहे हैं, ताकि किसानों को सर्वोत्तम विशेषज्ञता (Best Expertise ) उपलब्ध हो सके।
Sundarbans में जहां मुख्यतः Wild Honey Collection होता वहाँ Honey Bee Conservation तथा Sustainable Honey Extraction महत्वपूर्ण हो जाता है । इसके लिए जरूरी है कि हम wild bee की ecology को समझें और जो indigenous community यहाँ रह रही है, उनके पारंपरिक ज्ञान को समझते हुए उन्हें ट्रेनिंग दिया जाये ।
Tamil Nadu के nilgiris forest area में Keystone Foundation संस्था ने Wild Honey Bee के संदर्भ में काफी अच्छा कार्य किया है । आज उस संस्था के expert यहाँ मौजूद हैं , जो हमारे किसानों से अपने अनुभव को साझा करेंगे ।
इसके साथ साथ हम शहद प्रसंस्करण और परीक्षण सुविधाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे (इनफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण के लिए National Bee Keeping and Honey Mission के अंतर्गत dairy cooperatives को प्रोत्साहित कर रहें हैं।
कृषि मंत्रालय की वित्तीय सहायता से एक उच्च स्तरीय शहद परीक्षण प्रयोगशाला को CALF laboratory, NDDB में स्थापित किया गया है जिसका उदघाटन माननीय कृषि मंत्री जी के द्वारा ही किया गया था । हमें गर्व है कि जाँच की सारी सुविधाएं अब भारतीय शहद उद्योग के stakeholders और मधुमक्खी पालक किसानों के लिए देश में ही उपलब्ध हो रही है ।
आने वाले समय में एनडीडीबी का प्रयास रहेगा देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एनबीबी के सहयोग से infrastructure development में गति लायी जाए।
Sundarban Milk Union को National Beekeeping & Honey Mission के अंतर्गत एक Honey Processing Plant की स्थापना के लिए भी कार्य किया जा रहा है ।
इसके अलावा, beekeepers/Farmers को organize कर किसान उत्पादक संस्थाओं (FPO) के गठन के लिए भी कार्य किया जा रहा है । Sundarban जिले के basanthi block में एक FPO का निर्माण किया जा चुका है और 300 सदस्य बन चुके हैं। NDDB 10,000 FPO scheme के अंतर्गत इस FPO को विकसित करने का प्रयास करेगा।
मधुमक्खी पालन में Farmer Producer Organization के निर्माण और घरेलू बाजार में Cooperative Network के मौजूदगी से मधुमक्खी पालकों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और consumers को भी उचित दरों पर Quality Product मिलेगा।
Beekeeping Industry में काफी संभावना है और आने वाले समय में शहद (Honey) की मांग और बढ़ेगी और इसके मुख्य factors होंगे:
- Consumers का Artificial Sweetener की जगह natural और healthy alternatives की तरफ सुमुखता
- Cane Sugar की जगह Honey के प्रयोग से होने वाले लाभ की जानकारी
- विभिन्न प्रकार के Food products में honey का इस्तेमाल
- Honey का Non-food use जैसे cosmetics industry इत्यादि
एनडीडीबी milk तथा milk products में शहद के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए New Product Development पर भी कार्य कर रहा है ।
West Bengal में मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएँ है । मुझे खुशी है कि राज्य सरकार के द्वारा Forestry, कृषि क्षेत्र, ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को beekeeping से integrate करने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चित रूप से इसके अच्छे परिणाम आएंगे ।
जहां तक डेरी सैक्टर का सवाल है , राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने तथा इसे और लाभकारी बनाने के लिए कृतसंकल्पित है तथा अपनी योजनाओं के माध्यम से हमारा यह प्रयास रहा है की हम दुग्ध उत्पादकों के आय में वृद्धि कर सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार ला सकें।
पशुपालन में Sunderban क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों को एक निश्चित आय का स्रोत प्रदान करने की क्षमता है।
आज इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत हो रही है । जैसे Micro Training Centre की स्थापना ।
पशुपालन Sundarbans क्षेत्र के दूध उत्पादकों के लिए regular income का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है ।
पर इसमें सबसे बड़ा चैलेंज है कि हम किस प्रकार scientific practices को किसानों तक पहुंचाएँ ताकि उनका dairy business profitable हो ।
Micro Training Centre एक concept है जिसमें हमारे skilled entrepreneurs, किसान जो स्वयं अच्छी तरह से और वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन कर रहे हैं, उन्हें एक Resource Person, Trainer के रूप में develop किया जाएगा । और ये किसान अपने साथी ग्रामीणों को पशुपालन के बेहतर तौर तरीके सिखाएँगे।
Micro Training Centre, सुंदरबन के local situation को ध्यान में रखते हुए, क्या best practice हो सकता है, इस संदर्भ में किसानों को प्रशिक्षित करेगा । Local level पर training center होने से हमारे किसानों के लिए खासकर हमारे महिला किसानों को आने जाने में सुविधा होगी और अधिक किसान इसका उपयोग करने में सक्षम होंगे।
Seeing is believing, जो हम देखते हैं उसपर विश्वास करते हैं, किसान जब Micro Training Centre में best practices देखेंगे तो उनका replication आसान हो जाएगा । बरौनी (बिहार), पुणे और कोल्हापुर (महाराष्ट्र) दुग्ध संघ इस तरह के concept को सफलतापूर्वक लागू कर चुके हैं और खुशी की बात है आज Sundarbans में भी हम इस concept को लागू करने जा रहे हैं ।
ये ट्रेनिंग Centre किसानों को
- हरे चारे की साल भर उपलब्धता के लिए organic हरा चारा उत्पादन
- Silage का निर्माण
- बीमारियों से रोकथाम
- आहार संतुलन
- आयुर्वेदिक Veterinary Medicine के माध्यम से पशुओं की सामान्य बीमारियों का इलाज़
- नस्ल सुधार
- Biogas और Manure Management
- Organic फसल उत्पादन
इन सब बातों की जानकारी देगा ।
पशुपालन से उत्पन्न गोबर का सही प्रबंधन करके bio gas तथा जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी। । एनडीडीबी देश भर में ऐसे Manure Management Model को स्थापित करने पर ज़ोर दे रहा है ।
आज खुशी की बात है कि Sundarban में Manure Management योजना के प्रथम phase का उदघाटन किया जा रहा है तथा दूसरे phase का भी शुभारंभ किया जा रहा है ।
यह एक ऐसी activity है जो किसानों को multiple benefits provide करती है- जहां एक ओर flexi-biogas units से बहुत कम परिश्रम एवं लागत पर उन्हें cooking fuel मिल जाता है वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने खेत के लिए fertilizer के तौर पर bio-slurry भी मिलता है। इससे वातावरण में हानिकारक methane gas का उत्सर्जन भी कम होगा और गाँव की स्वच्छता में सुधार आता है ।
जल्द ही एक slurry processing center का भी स्थापना की जाएगी जिससे किसान अपने surplus slurry को बेच कर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर सकते है। इस slurry से solid और liquid organic fertilizer बनाए जाएँगे जिससे कृषि की उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।
अगर पशुपालन को हमें लाभकारी बनाना है तो नस्ल सुधार (Breed Improvement ) पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक हो जाता है । केन्द्रीय क्षेत्र की योजना- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत देशी गायों और भैंसों की वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण के साथ साथ आधुनिक technologies का उपयोग करके पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि और दूध उत्पादन में सतत वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है।
इसी क्रम RGM के अंतर्गत सुंदरबन दूध संघ के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत Establishment of AI Network योजना का कियान्वयन स्वीकृत हुआ है । सबसे खास बात है कि इस योजना को पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित किया जाएगा । मुझे खुशी है कि 30 महिलाओं का चयन किया जा चुका है जिन्हें प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है ।
पशुपालन में पशुओं के खान पान feeding का योगदान लगभग 75 प्रतिशत होता है और हरा चारा Protein, Minerals, Vitamins का सबसे सस्ता स्रोत है । Good Quality के हरे चारे के उत्पादन के लिए certified fodder seed का होना आवश्यक है ।
इसको देखते हुए Sundarbans के वातावरण में उपयुक्त certified seed का उत्पादन आवश्यक है । इसके लिए दूध संघ से जुड़े पशुपालकों के यहाँ Certified Fodder Seed उत्पादन की व्यवस्था की जा रही है ।
मुझे यह जान कर खुशी हुई कि Sundarban Milk यूनियन अब किसानों के द्वारा उत्पादित Fruits और Vegetables को भी market linkage देने की दिशा में कार्य करने जा रहा है ।
अंत में मैं यही कहना चाहूँगा कि
हम सभी stakeholders को उत्साह के साथ अपने प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि डेरी Sector और Beekeeping sector के माध्यम से हम अपने ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं/महिलाओं के पास अधिक से अधिक आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने में सफल हो सके ।
NDDB West Bengal/Sundarban Region के डेरी Sector और Beekeeping sector के विकास के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा यह मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ ।
धन्यवाद