विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर अध्यक्ष, एनडीडीबी का सम्बोधन, राजा भोज कृषि कॉलेज, वारासिवनी, बालाघाट (मध्य प्रदेश) - 20 मई 2023

विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर अध्यक्ष एनडीडीबी का सम्बोधन

राजा भोज कृषि कॉलेज, वारासिवनी, बालाघाट (मध्य प्रदेश)

20 मई 2023 (11:30- 11:35 hrs)

 

आज विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर मैं काफी प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ ।

अगर हम मधुमक्खियों के जीवन को देखें तो हम पाएंगे की उनके जीवन में दो बाते बड़ी महत्वपूर्ण हैं ।

पहला है संगठन -आपने देखा होगा की मधुमक्खियाँ किस प्रकार संगठित हो कर अपने छत्ते में रहती हैं ।  दूसरा है संयुक्त प्रयास  चाहे वो Worker  bee हो या Drone या फिर Queen, इनका संयुक्त प्रयास ही इनको आगे बढ़ाता है।

और आज का  यह वृहत आयोजन , निश्चित रूप से  मधुमक्खी पालन क्षेत्र , डेरी क्षेत्र , वन क्षेत्र से  संबन्धित देश भर  के कई संगठनों, संस्थाओं, हितधारकों, मधुमक्खी पालक और  किसान के  संगठित और संयुक्त प्रयास को दिखाता है ।

आप सबका इतनी बड़ी संख्या में यहाँ उपस्थित होना,   न केवल हमारे  किसानों के लिए, परंतु पूरे पारिस्थितिकी और मानव जीवन  के लिए इस  महत्वपूर्ण कार्य के प्रति आपके उत्साह को दर्शाता है ।

मैं  इस  सफल प्रयास के लिए , कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय , भारत सरकार , National Bee Board , मध्य प्रदेश सरकार के संबन्धित विभाग और जिला प्रशासन , बालाघाट और अन्य सभी संबन्धित संस्थाओं  को बधाई देता हूँ ।

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, किसानों के लिए नयी लाभकारी आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा से  प्रतिबद्ध है  तथा अपनी योजनाओं के माध्यम से हमारा यह प्रयास रहा है की हम किसानों  के आय में वृद्धि कर सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार ला सकें।

हमारा मानना है की देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक उन्नति तभी आएगी , जब  हम गाँव के  लोगों खासकर जो हमारे ग्रामीण युवक हैं उनमें ऐसी क्षमता पैदा कर पाएंगे  , की वो गाँव में ही उपलब्ध कृषि , बागवानी, पशु संवर्धन, या अन्य  जो भी संसाधन हैं, उससे संबन्धित व्यवसाय तथा व्यापार करने का सबसे अच्छा उदाहरण दिखा पाएँ। अगर ऐसा होगा तो, गाँव के लोगों को शहरों की तरफ देखने की जरूरत  नहीं पड़ेगी। 

देश में सहकारिता के माध्यम में  हुई  दुग्ध क्रांति  इस संदर्भ में सबसे बड़ा उदाहरण है। आप सभी इस बात से सहमत होंगे की इस क्रांति ने गाँव में  दुग्ध व्यवसाय के रूप एक नया अर्थतंत्र खड़ा किया, और गाँव में स्वरोजगार का एक नया आयाम स्थापित किया।

और उसी तर्ज़ पर हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर आहवाहन किया है और देश में श्वेत क्रांति के जैसे ही मधु क्रांति लाने का लक्ष्य दिया है।

यह बहुत जरूरी है क्योंकि वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन एक ऐसी गतिविधि है जो न केवल शहद उत्पादन से, बल्कि beewax, propolis और honey bee venom इत्यादि जैसे अन्य उत्पादों से किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करता है। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि तथा बागवानी के फसलों के cross-pollination के जरिये से उत्पादन बढ़ाने में इसकी भूमिका बहुत अहम है ।

मुझे खुशी है कि माननीय कृषि एवं किसान कल्याण  मंत्री जी की गरिमामयी उपस्थिति में आज इस शुभ अवसर पर सभी संबन्धित संस्थाओं और हितकारक यहाँ एक साथ यहाँ एकत्रित हुए हैं।

निश्चित रूप से आज का यह आयोजन मधुमक्खी पालन को और प्रोत्साहित करेगा और इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

 

हमने देखा है कि किसानों तक अपनी व्यापक पहुंच तथा जुड़ाव के कारण डेरी सहकारी संस्थाएँ, ग्रामीण इलाकों में मधुमक्खी पालन  को प्रोत्साहित करने का एक सक्षम माध्यम बन सकती हैं और इसी क्रम में National Bee Board के सहयोग से NDDB देश के डेरी नेटवर्क के माध्यम से किसानों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास कर रहा  है । इन प्रयासों को कई स्तरों पर किया जा रहा है:

 

  • देश भर में National Beekeeping and Honey Mission के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे किसान beekeeping करने में पर्याप्त रूप से कुशल और skilled हो सकें, ताकि इस व्यवसाय को अपनाने में किसी भी तरह की विफलता की संभावना को कम किया जा सके। यह खुशी की बात है की देश भर के दुग्ध संघों का हमें सक्रिय सहयोग इसमें मिला है ।
  • इन कार्यक्रमों में हम स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि/बागवानी विश्वविद्यालय, क्षेत्र के प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों, एनबीबी की सदस्य समितियों को भी शामिल कर रहे हैं, ताकि किसानों को सर्वोत्तम विशेषज्ञता उपलब्ध हो सके। अभी तक लगभग 4000 किसानों को शामिल करते हुए 80 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम/सेमिनार आयोजित किए जा चुके हैं ।
  • कृषि मंत्रालय की वित्तीय सहायता से एक उच्च स्तरीय  शहद परीक्षण प्रयोगशाला को   CALF laboratory, NDDB में स्थापित किया गया है जिसका उदघाटन माननीय कृषि मंत्री जी के द्वारा ही किया गया था । हमें गर्व है कि जाँच की सारी सुविधाएं अब भारतीय शहद उद्योग के stakeholders और मधुमक्खी पालक किसानों  के लिए देश में ही उपलब्ध हो रही है ।
  • इसके साथ साथ हम शहद प्रसंस्करण और परीक्षण सुविधाओं के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए  National Bee Keeping and Honey Mission के अंतर्गत  dairy cooperatives को प्रोत्साहित कर रहें हैं।
  •  मुझे खुशी है की आज बनासकांठा मिल्क यूनियन के द्वारा जो Mini Honey Testing Lab की स्थापना की गयी है , उसका उद्घाटन माननीय कृषि  एवं किसान कल्याण मंत्री  जी के कर कमलों से किया जा रहा है ।
  • मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आज माननीय मंत्री जी के द्वारा कुछ नए Honey Testing Labs, Disease diagnostic centres और  Processing Units को  भी launch किया जाएगा।
  • आने वाले समय में  एनडीडीबी का प्रयास रहेगा देश भर में शहद उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एनबीबी के सहयोग से infrastructure development में गति  लायी जाए। इसके लिए हम NBB से निरंतर संपर्क में हैं ।
  • इसके अलावा, beekeepers/Farmers को organize कर किसान उत्पादक संस्थाओं (FPO) के गठन के लिए भी कार्य किया जा रहा है । चूंकि डेयरी सहकारी समितियों ने दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन का एक अच्छा value chain स्थापित किया है , उसी प्रकार उनके सहयोग से  शहद के लिए भी एक value chain स्थापित किया जा सकता है।  

उसी का उदाहरण है , पश्चिम असम दुग्ध संघ [Western Assam Milk Union Limited (Purabi Dairy)], जो की हमारे देश के North East क्षेत्र की सबसे बड़ी डेरी है , उसने CBBO के रूप में असम के कामरूप जिले में एक Honey FPO का गठन किया , आज उन्हीं छोटे छोटे किसानों के द्वारा उत्पादन किए जा रहे  शहद को Purabi Honey के नाम मार्केटिंग की व्यवस्था की गयी है ,  यह हम सब के लिए और खासकर WAMUL, असम के किसानों के लिए गर्व की बात है , कि आज Purabi Honey को माननीय कृषि मंत्री जी के द्वारा लॉंच किया जा रहा है ।  

निश्चित रूप से मधुमक्खी पालन में कृषक उत्पादक संस्था (Farmer Producer Organization) के निर्माण और घरेलू बाजार में Cooperative Network के मौजूदगी से  मधुमक्खी पालकों को लाभकारी मूल्य मिलेगा और उपभोगताओं (consumers) को भी उचित दरों पर गुणवत्ता वाला उत्पाद मिलेगा।

एनडीडीबी milk तथा milk products में  शहद के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए  नए उत्पाद विकास पर भी कार्य कर रहा है ।

आज यहाँ मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कई किसान भाई बहन उपस्थित हैं । मध्यप्रदेश  में नीलगिरी, अमरूद,राजमा, अनार,चना, कुसुम,मटर, सूरजमुखी, अलसी, तिल, रामतिल, अमलतास, करंज,सरसों, मक्का आदि की खेती हो रही है। ये सभी फसलें मधुमक्खियों को फूलों का रस या पराग प्रदान करने में बहुत सहायक होती हैं और मधुमक्खी पालन के लिए बहुत उपयुक्त है। ऐसे क्षेत्रों में फूलों के समय मधुमक्खियों को स्थानांतरित करके अच्छा शहद उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।  इसके अलावा, सिंचाई की बढ़ती उपलब्धता के कारण बागवानी फसलों के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है, जिससे मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलेगा ।

पूरे देश में मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएँ है ।  मुझे खुशी है  केंद्र सरकार के द्वारा कृषि क्षेत्र तथा ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को मधुमक्खी पलान से एकीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चित रूप से इसके अच्छे परिणाम आएंगे । 

NDDB, NBB, दूध संघों तथा अन्य सभी हितकारक संस्थाओं के माध्यम से देश में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का प्रयास करता रहेगा, ऐसा मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ ।

आप सभी को फिर से बहुत बहुत धन्यवाद और नमस्कार।