Address by Shri Meenesh Shah, Chairman, NDDB at Concluding ceremony of National Dairy Mela 2023 - 10 April 2023

Concluding ceremony of National Dairy Mela 2023

NDRI, Karnal -10th April 2023

Address by Chief Guest – Shri Meenesh Shah, Chairman, NDDB

डॉ धीर सिंह , Director , NDRI 

Faculty Members, Students, NDRI 

किसान भाइयों और बहनों

आज NDRI Karnal के द्वारा  आयोजित तीन दिवसीय National Dairy Mela 2023 के इस समापन कार्यक्रम में  शामिल होकर मुझे काफी खुशी का अनुभव हो रहा है। साथ ही साथ मैं NDRI को  Centenary Year Celebrations की  भी बधाई देता हूँ । निश्चित रूप से NDRI ने देश में dairy development के क्षेत्र में एक अतुलनीय योगदान दिया है और आप सभी इस अवसर पर बधाई के पात्र हैं ।

मैं समझता हूँ कि राष्ट्रीय डेरी मेला का आयोजन हमारे वैज्ञानिकों और डेरी किसानों/पशुपालकों  के बीच संवाद की  एक महत्वपूर्ण कड़ी है।  

छोटे और सीमांत किसान हमारे देश के दुग्ध उत्पादन में  सबसे ज्यादा योगदान करते हैं। इसलिए हमारे देश में डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए इन किसानों को पशुओं के प्रजनन, भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, दूध की गुणवत्ता, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग (Renewal Energy Usage) में नई तकनीकों को अपनाने के लिए जानकारी देने के लिए  ठोस प्रयास करने  की आवश्यकता , हमेशा से रही है ।

आज खुशी की बात है कि इस मेले का माध्यम से डेरी क्षेत्र के जो  stakeholders हैं , चाहे वो policymakers हो, scientists हो, technologists हो, private sector के लोग हों , या हमारे किसान भाई हों , इन सब को इन तीन दिनों में एक साथ एक platform पर आने का और  डेरी से संबन्धित knowledge, ideas, technologies का आपस में आदान प्रदान करने का मौका मिला है।

 इस मेले में कई technical sessions रखे गए थे जिनमें   किसान भाइयों  को डेरी के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गयी है । Milk Yield और Breed competition का भी आयोजन किया गया । विभिन्न संस्थाओं ने technology dissemination के लिए अपने exhibitions भी लगाए ।   निश्चित रूप से , इन सारे प्रयासों का लाभ हमारे डेरी किसानों को मिलेगा , उनके काम करने के तरीके बेहतर होंगे और  उनकी आर्थिक प्रगति  होगी ।

मैं  NDRI का इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए सराहना करता हूँ।

आज हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

देश की अर्थव्यवस्था में डेरी व्यवसाय का क्या योगदान है ? इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि दूध उत्पादन का कुल मूल्य 9.3 लाख करोड़ रुपये है, जो कि कृषि उपज अर्थात् धान, गेहूं और गन्ने के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है। 

विश्व में दूध उत्पादन में  हम प्रथम स्थान पर है और हमारे देश को यहाँ तक पहुंचाने में हमारे देश के डेरी किसानों  की सबसे अहम भूमिका रही है |

हमारा डेरी बाज़ार भी काफी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है ।  आज हमारा डेरी बाज़ार   Rs. 13 lakh Crore का है जो 2027 तक Rs. 30 lakh Crore का हो जाएगा । यानि  दोगुने से भी ज्यादा ।

दूध आज सबसे बड़ी कृषि वस्तु  है और यह करीब 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों के रोजगार का साधन है ।

हाल ही में माननीय प्रधान मंत्री की  आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा  इंडिया @ 100 नाम का  एक policy रोड मैप जारी किया गया है जिसमें भारत को 2047 तक एक उच्च आय वाला देश बनाने  का लक्ष्य रखा गया है।

अगर हमें यह लक्ष्य प्राप्त करना है तो डेरी क्षेत्र का विकास बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है  क्यूंकि डेरी व्यवसाय निर्विवाद रूप से ग्रामीण भारत के विकास की महत्वपूर्ण धुरी है ।

आज  दुनियाभर में आर्थिक, तकनीकी और नीतिगत  वातावरण  लगातार बदल रहा है।  जिससे हमारा dairy sector भी अछूता नहीं रहा है ।

और इसीलिए अपनी तमाम सफलताओं के बाबजूद भी डेरी sector को भी बदलते समय के साथ आवश्यक  बदलाव, अनुकूलन  और innovation करना होगा।

इसी संदर्भ में मैं  आज यहाँ मौजूद किसान भाइयों और बहनों से कुछ कहना चाहूँगा ।

हमारी लगातार बढ़ती आबादी के कारण जमीन की उपलब्धता कम होती जा रही है । दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है न की पशुओं की संख्या में वृद्धि करना । आधुनिक पशुपालन में डेयरी किसान को प्रत्येक पशु द्वारा उत्पादित दूध की मात्रा में सुधार करना होता है, इससे  प्रति लीटर दूध के उत्पादन के लिए आवश्यक चारा , पानी और स्थान की मात्रा कम होगी ।

इसके लिए जरूरी है की  हमारे किसान भाई अच्छी, रोग प्रतिरोधी और Climate Friendly पशुओं की नस्लों का चयन करें।  जानवरों का चयन करते समय स्थलाकृति, मिट्टी के प्रकार, फ़ीड और चारे की उपलब्धता पर भी विचार किया जाना चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों में, माननीय मंत्री जी के मार्गदर्शन में भारत सरकार और एनडीडीबी इस संबंध में कई कदम उठा रहे हैं ।

  • जैसे AI कवरेज में वृद्धि,
  • उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का उत्पादन,
  • import of bovine germ plasm,
  • सर्वश्रेष्ठ सांडों और बछियों के चयन के लिए genomic चयन का उपयोग करना।
  • एक वर्ष में ही elite गायों या भैंसों से अधिक संख्या में संतान प्राप्त करने के लिए, ET और OPU-IVF जैसी तकनीकों का उपयोग,  
  • 90% accuracy के साथ मादा बछड़ों के उत्पादन के लिए sex sorted semen doses का  उपयोग,

गायों और भैंसों के प्रजनन के लिए dedicated Breed Multiplication Farm की भी स्थापना की जा रही है जिसमें entrepreneurs बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं । इन फार्मों से रोग-मुक्त अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली, विशेषकर देशी नस्ल की, बछिया/ गर्भवती बछिया/ गायों और भैंसों को किसान भाइयों और बहनों को उपलब्ध कराया जाएगा। 

National Digital Livestock Mission के अंतर्गत एक किसान-केंद्रित प्रणाली का भी निर्माण किया जा रहा है जिससे किसान विशेष रूप से डिजाइन किए गए राष्ट्रीय डिजिटल आर्किटेक्चर के माध्यम से सेवाएं और जानकारी निर्बाध रूप से प्राप्त कर सकेंगे।

पशुओं के लिए हरा चारा पोषक तत्वों का सबसे किफायती स्रोत है जो दूध उत्पादन वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए आहार की लागत को कम करने में मदद करता है। किन्तु, हमारे देश में ज्यादातर क्षेत्रों में, निरंतर हरे चारे की उपलब्धता एक समस्या हैं।

पशु पोषण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के अंतर्गत देश में गुणवत्तापूर्ण चारा बीज के उत्पादन की गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है और इस परियोजना के अंतर्गत quality certified breeder और foundation चारा बीजों के उत्पादन के लिए वित्तीय सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है।

अक्सर, डेरी किसानों को आहार खिलाने से संबंधित वैज्ञानिक पद्धति की समुचित जानकारी नहीं होती है- आनुवंशिक क्षमता के अनुरूप दूध उत्पादन प्राप्त करने के लिए, एनडीडीबी ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक user friendly android application ई-गोपाला  विकसित किया है ।

इससे आहार की लागत को कम करने, डेरी पशुओं के आहार को संतुलित करने और दूध उत्पादन से लाभप्रदता में सुधार लाने में मदद मिलती है। आप इस application को Google playstore  से download कर सकते हैं और बड़ी आसानी से कुछ सरल प्रक्रियाओं को अपनाकर इस application की मदद से अपने पशुओं के लिए आहार का संतुलन कर सकते हैं । 

Ready to eat Total Mixed Ration (TMR) फीडिंग छोटे और भूमिहीन किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प है, जो अपने दुधारू पशुओं के रखरखाव के लिए सभी फीड सामग्री बाहर से खरीदते हैं और उन्हें अलग से खिलाते हैं। TMR को लोकप्रिय बनाना फ़ीड-चारे की बढ़ती कीमतों और उनके मौसमी उतार-चढ़ाव के खिलाफ भी काम करेगा।

जब महत्वपूर्ण डेरी पशु रोगों के लिए किफायती, प्रभावकारी, उपयोग में आसान समाधान मिलेगा तो दूध की quantity और quality दोनों बढ़ेगी। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनडीडीबी ने आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा (EVM) के माध्यम से कई मुख्य पशुधन की बीमारियों की रोकथाम के लिए simple formulations बनाया है।

ये formulations अधिकतर किसान के घर में उपलब्ध सामग्री से ही तैयार किए जाते हैं और एक किफायती और असरकारक समाधान प्रदान करते हैं और इससे एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में भी कमी आती है। EVM की जानकारी ई-गोपाला  App में उपलब्ध है। आप सभी किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध है की इस Application को जरूर download और use करें।

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही vaccination programme भी पशु को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पशुपालन से उत्पन्न गोबर का सही  प्रबंधन  कर bio gas तथा जैविक खाद का उत्पादन किया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय मिलेगी। इससे  महिलाओं को रसोई के लिए बहुत कम परिश्रम एवं लागत में ईंधन मिलेगा।  इससे  वातावरण में हानिकारक methane gas  का उत्सर्जन भी कम होगा और गाँव की स्वच्छता में सुधार आएगा। डेरी किसान  अपने घरों में ऐसे सुविधाजनक फ्लेकसी बायोगैस संयंत्रों की स्थापना कर, biogas  और  जैविक खाद  के माध्यम से अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। एनडीडीबी देश भर में ऐसे Manure Management Model को स्थापित करने पर ज़ोर दे रहा है ।

हाल में कृषि के क्षेत्र में भी NDDB द्वारा कुछ नए initiatives लिए गए हैं , उनके बारे में मैं आपको बताना चाहूँगा ।

  • पिछले दिनों नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड संस्था की स्थापना की गयी है और  एनडीडीबी  इस संस्था का promoter member है । यह संस्था  सहकारी समितियों और संबंधित संस्थाओं द्वारा उत्पादित organic products के एकत्रीकरण (Aggregation), ब्रांडिंग (Branding) और विपणन (Marketing) को बढ़ावा देगी ।
  • हम भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड को भी बढ़ावा दे रहे हैं जो विभिन्न सहकारी समितियों और अन्य संबंधित संस्थाओं के माध्यम से गुणवत्ता वाले बीजों ( Quality Seeds ) के उत्पादन, खरीद, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, Storage, Marketing के लिए Apex Organization के रूप में कार्य करेगी।
  • खाद्य तेल का अपर्याप्त घरेलू उत्पादन चिंता का कारण बना हुआ है। भारत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से , लगभग 25 मिलियन टन खाद्य तेल यानि , अपनी आवश्यकता का 55% से अधिक का आयात करता है । एनडीडीबी, भारत सरकार से साथ मिलकर कई स्तर पर कार्य कर रहा है , जैसे अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध करना ,  training and capacity building efforts द्वारा improved cultivation practices को बढ़ावा देना , Oilseed FPOs का गठन करना और market linkage की व्यवस्था करना

एनडीडीबी, सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर देश के वैसे ग्राम पंचायत जहां डेरी सहकारी समिति  मौजूद नहीं है , वहाँ डेरी सहकारी संस्था की स्थापना के लिए भी एक योजना पर कार्य कर रही है । 

अंत में मैं इस अवसर पर, मैं एक बार फिर से, राष्ट्रीय डेरी मेला के आयोजन के लिए, मुझे  यहाँ  बुलाने के लिए , सभी आयोजकों को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ ।

मैं  यहाँ मौजूद सभी किसान भाइयों और बहनों से आग्रह करूंगा कि आप इस मेले का पूरा लाभ उठाएँ और डेरी से संबन्धित वैज्ञानिक पद्धतियों को पूरे मन से अपनाएँ और देश को डेरी के क्षेत्र में और आगे ले जाने में  अपना योगदान दें ।  

 

धन्यवाद ।