संक्षेप में डीआईडीएफ

डीआईडीएफ - डेरी प्रसंस्‍करण एवं बुनियादी ढ़ांचा विकास निधि 

डेरी सहकारी समितियाँ किसानों के निरंतर लाभ के लिए प्रतिस्पर्धी रहें,  इसलिए भारत सरकार ने, 2018-19 से 2022-23 के दौरान कार्यान्वयन के लिए, कुल रु. 11,184 करोड़ परिव्यय के साथ डेरी प्रसंस्‍करण एवं बुनियादी ढ़ांचा विकास निधि के निर्माण की घोषणा की थी । योजना के तहत, डेरी प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए रु. 8004 करोड़ की एक कोष की स्थापना की गई है । शेष परिव्यय में, रु. 2001 करोड़ अंतिम ऋणियों का योगदान होगा, रु. 12 करोड़ राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) / राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) का योगदान होगा एवं डीएएचडी, भारत सरकार द्वारा रु. 1167 करोड़ ब्याज सहायता के लिए योगदान दिया जाएगा । योजना के तहत, नाबार्ड से वित्त पोषण के अलावा, एनडीडीबी अपने संसाधनों से अंतिम ऋणी को सीधे वित्त पोषण प्रदान कर सकता है।

अब, पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) द्वारा जारी किए गए कार्यालय ज्ञापन संख्या A-17/2/2022-NLM-DADF दिनांक 26 मार्च 2024 के दिशानिर्देशों के अनुसार संशोधित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना में डीआईडीएफ योजना का विलय कर दिया गया है और 31 मार्च 2023 तक डीआईडीएफ योजना के तहत स्वीकृत की गई परियोजनाएं एएचआईडीएफ के अंतर्गत वित्त पोषण का सतत् लाभ प्राप्त करती रहेंगी और  उन्हें 2.5% की दर से ब्याज सहायता का लाभ प्रदान करना जारी रखा जाएगा ।