Opening Remarks and Overview of Dairy Sector by Shri Meenesh Shah, Chairman, NDDB at Golden Jubilee Programme of NCDFI- 10 April, 2022

आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री तथा सहकारिता मंत्री, Shri Amit Shah ji
माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, Shri B L Verma ji
माननीय गुजरात के सहकारिता मंत्री, Shri Jagdish Panchal ji
निदेशक, RBI, Shri Satish Marathe ji
सचिव, सहकारिता मंत्रालय, Shri Devendra Kumar Singh ji
Vice-Chancellor, NFSU, Shri JM Vyas ji
Shri Mangaljit Rai, अध्यक्ष, NCDFI,
Shri KC Supekar, प्रबंध निदेशक, NCDFI
डेरी सहकारी संस्थाओं से अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, अन्य अधिकारी एवं सभी प्रतिष्ठित प्रतिभागी,
एवं यहाँ आये सभी किसान भाईयों और बहनों
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आज National Cooperative Dairy Federation of India (NCDFI) के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर, मैं अपने आपको आप सभी के बीच के पाकर काफी खुशी का अनुभव कर रहा हूँ। मैं NCDFI को Institutional Sales, Farmer Awareness Generation, Genetic Improvement तथा e-Market के माध्यम से डेरी सहकारिताओं और किसानों की सेवा के 50 वर्ष पूरे करने पर हार्दिक बधाई देता हूँ।

आज दूध हमारी अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान करने वाला सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है और लगभग 8 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को सीधे रोजगार देता है। 2019-20 में दूध का मूल्य 8.4 लाख करोड़ रुपये था, जो अनाज और दालों के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है।

वर्ष 2014-15 और 2020-21 के दौरान जहां विश्व (World) में दुग्ध उत्पादन में लगभग 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि हुई, वहीं भारत में यह वृद्धि 6 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक रही है। भारत ने वर्ष 2020-21 के दौरान 21.0 करोड़ टन का वार्षिक दूध उत्पादन हासिल किया और वैश्विक दुग्ध उत्पादन में लगभग 22 प्रतिशत का योगदान देता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है की वर्ष 2020-21 के दौरान प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 427 ग्राम प्रति दिन के स्तर पर पहुंच गई है, जो कि लगभग 310 ग्राम प्रति दिन के विश्व औसत (World Average) से भी अधिक है।
ये महज आकडे (data) नहीं हैं क्योंकि पशुपालन और डेरी व्यवसाय आज किसानों की आय में वृद्धि और rural prosperity, socio-economic development, women empowerment इत्यादि का एक उत्कृष्ट साधन बन चुका है। इस सफलता का श्रेय (credit) मुख्यतः हमारे लाखों छोटे दुग्ध उत्पादक भाइयों और बहनों और उनको एक सूत्र में जोड़ने वाली सहकारी संस्थाओं को जाता है। COVID-19 के दौरान भी देश भर में Dairy Cooperatives ने ग्रामीण क्षेत्रों में एक Economic lifeline के तरह कार्य किया है।

आज हमारे देश में सहकारी डेयरी क्षेत्र लगभग 475 जिलों के 2.2 लाख गांवों में फैली हुई है और इससे 1.8 करोड़ किसानों जुड़े हुए हैं। 2020-21 के दौरान, डेरी सहकारी संस्थाओं ने अपने सदस्यों को लगभग 65,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है अर्थात प्रतिदिन लगभग 200 करोड़ रुपये ग्रामीण क्षेत्र में जात है जो शायद अन्य कोई उद्योग नहीं करता होगा।

सहकारिताओं ने डेरी के क्षेत्र में काफी उत्कृष्ट कार्य किया है और अब समय है किसान भाइयों और बहनों को इनके माध्यम से आमदनी के अन्य साधन भी उपलब्ध कराये जाये।

इनमें से एक है ‘manure management’-“गोबर से धन”। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का आहवाहन रहा है- doubling farmers’ income, clean and green villages, cooking energy security for our rural households and reduction in carbon emissions

एनडीडीबी द्वारा बड़े पैमाने पर स्थापित किए जा रहे manure management का मॉडल स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के अलावा डेयरी किसानों के लिए कई लाभों को सुनिश्चित कर रहा है- बायो-गैस, slurry की बिक्री से आय, organic fertilisers, clean energy इत्यादि। इसके साथ बड़े पैमाने पर manure management मॉडल की स्थापना भी की जा रही है जिसमें गोबर आधारित biogas plants द्वारा dairy plants की electrical और thermal energy की जरूरतों को पूरा किया जा सके। हाल ही में, माननीय प्रधानमंत्री जी ने वाराणसी में अपनी तरह की की इस नयी पहल की आधारशिला रखी है। परियोजना के सफल क्रियान्वयन पर, इस पहल को replicate किया जाएगा जिससे किसानों को गोबर की बिक्री से आय प्राप्त होगी, डेयरियों के लिए दूध प्रसंस्करण लागत में कमी आएगी और clean energy को भी बढ़ावा मिलेगा।

गुजरात सरकार भी एनडीडीबी के सहयोग से Cooperative Dairies के नेटवर्क के माध्यम से “गोबर-धन योजना” को लागू कर रही है और इसके वित्त पोषण की पहली किस्त आज यहाँ एनडीडीबी को सौंपी जाएगी। इस योजना में प्रत्येक जिले में लगभग 200 परिवार के स्तर पर बायोगैस संयंत्रों का एक बायोगैस क्लस्टर (जो 2 से 5 गांवों को कवर करे) और क्लस्टर स्तर पर एक जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई स्थापित किया जाएगा।

एक और महत्वपूर्ण पहल है- एनडीडीबी की खाद प्रबंधन पहल के अंतर्गत उत्पादित Bio-slurry पर आधारित organic fertilisers को बढ़ावा देने के लिए NDDB और GSFC के बीच आज किया जाने वाला MoU । NDDB और GSFC के बीच हुए इस सहयोग से अधिक मात्रा में उत्पादित Bio-slurry पर आधारित उर्वरक के लिए assured market linkages मिलेगी, संयुक्त रूप से R&D किया जाएगा और quality सुनिश्चित की जाएगी जो इसकी सफलता के लिए अहम है।

August 2021 में जब मैं पहली बार माननीय अमित शाह जी से मिला था तो उन्होनें तीन महत्वपूर्ण कार्य की ओर हमारा ध्यान दिलाया था- पहला natural farming, दूसरा cooperatives for Fruits & Vegetables और तीसरा edible oil में आत्मनिर्भरता का प्रयास।

मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि एनडीडीबी organic fertilisers का व्यापक पैमाने पर प्रसार करने के साथ साथ natural farming पर भी काम शुरू कर चुकी है।

साथ ही साथ एनडीडीबी GUJCOOP के साथ मिलकर Sabarkantha और Aravalli districts में एक modern और integrated F&V model को स्थापित कर रही है और इसमें हमें GCMMF और Sabarkantha Union के Chairman का पूरा सहयोग मिल रहा है। इसकी detailed project report जल्द ही तैयार हो जाएगी और इसका implementation ‘mission mode’ में किया जाएगा। Safal और AMUL ब्रांड forward linkages के तौर पर किसानों को market access देंगे- बिना किसी middleman के। farmers की capacity building की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है जिससे जल्द से जल्द इसे implement किया जा सके।

जहां दूध के क्षेत्र में हमारे देश ने ‘आयात पर निर्भरता’ से ‘आत्मनिर्भरता’ का सफर तय किया है वहीं edible oil के सैक्टर में हमने अपनी ‘आत्मनिर्भरता’ ‘आयात पर निर्भरता’ में बादल गयी। करीब 55% edible oil आज आयात किया जाता है। एनडीडीबी ने 1989 में market intervention operations किया था जो काफी सफल रहा था और 1990 के दशक तक भारत आत्मनिर्भर था। टैम्पर-प्रूफ रिटेल पैक उपलब्ध कराने के लिए खाद्य तेल के 'धारा' ब्रांड को लॉन्च किया गया जो काफी successful रहा परंतु समय के साथ तिलहन सहकारी समितियों को कम समर्थन मिलने के कारण और मूल्य समानता न होने के कारण, घरेलू उत्पादन को कोई बढ़ावा नहीं मिला और आत्मनिर्भरता को कायम नहीं रखा जा सका।

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि केन्द्र सरकार ने इस पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। जहां एक ओर खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन'- ऑयल पाम कि शुरुआत की है वहीं सूरजमुखी के पुनरुद्धार के लिए रणनीति तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है जिसमें एनडीडीबी भी एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है। एनडीडीबी कई तरह से सहकारी समितियों को मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है- उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य तिलहन बीजों का उत्पादन, बेहतर कृषि पद्धतियों पर विस्तार एवं प्रशिक्षण, मधुमक्खी पालन से सूरजमुखी जैसी पर-परागण (cross-pollination) पर आधारित फसलों की उत्पादकता को बढ़ाना, term loan, working capital loan, भंडारण और प्रसंस्करण की सुविधाओं का Turnkey execution, अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी MDFVPL के खाद्य तेल ब्रांड “धारा” द्वारा forward linkages इत्यादि।

माननीय केन्द्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह जी, की गरिमामई उपस्थिती में मुझे आप सभी को यह सूचित करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि वर्ष 2022 में इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (IDF) के विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (World Dairy Summit) का आयोजन 12-15 सितंबर 2022 के दौरान भारत में किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 1974 में भारत में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी कांग्रेस का आयोजन किया गया था और 48 वर्षों के अंतराल पर हमें 2022 में इस विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन के आयोजन का अवसर मिला है। हमें पूरा विश्वास है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आप सभी सक्रिय भूमिका निभाएंगे और इसमें ज्यादा से ज्यादा participate करेंगे। कार्यक्रम के लिए registration जल्द ही शुरू की जाएगी।

इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के उदघाटन के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को अनुरोध किया गया है और हमारी आशा है कि माननीय सहकारिता मंत्री जी इस सम्मेलन के concluding session में chief guest बनने का हमारा अनुरोध स्वीकार करेंगे।

अपनी व्यापक पहुँच तथा किसानों से निरंतर जुड़ाव के कारण डेरी सहकारी संस्थाएं , किसानों की आय बढ़ाने के लाभकारी गतिविधियों के प्रसार के लिए और अधिक सक्षम माध्यम बन सकती हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि माननीय अमित शाह जी के नेतृत्व में गठित किए गए सहकारिता मंत्रालय और माननीय श्री परुषोत्तम भाई रूपाला जी के नेतृत्व वाली मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सहयोग से हम और अच्छी तरह से अपने देश के किसान भाइयों और बहनों तक नयी तकनीकों और आय के नए श्रोत जैसे, गोबर प्रबंधन, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, सौर ऊर्जा प्रयोग, Fruit & Vegetable, oilseeds इत्यादि को पहुंचाने में सफल रहेंगे। एनडीडीबी इस ओर हर संभव प्रयास करता रहेगा।

आप सभी को धन्यवाद और NCDFI को फिर से हार्दिक बधाई ।