श्री मीनेश शाह, अध्यक्ष, एनडीडीबी का भाषण - वाराणसी दुग्ध संघ में किसानों की बैठक – 16 मार्च, 2022

श्री अतुल चतुर्वेदी जी, सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार
श्री सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव (पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्यपालन), उत्तर प्रदेश सरकार
डॉ इंद्रमणि चौधरी, निदेशक (पशुपालन), उत्तर प्रदेश सरकार
डॉ ए के सिंह, CEO, UPLDB
अन्य आमंत्रित अतिथिगण,
और यहाँ उपस्थित पशुपालक किसान भाइयो एवं बहनो,
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आज के इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए हार्दिक प्रसन्नता और गर्व की बात है।

आप सभी को यह पता होगा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से वाराणसी दुग्ध संघ के संचालन की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड को सौंपी गयी है। 01 नवम्बर 2021 को MoU sign करने के बाद 01 दिसम्बर 2021 से एनडीडीबी वाराणसी दुग्ध संघ को संचालित कर रहा है जिसमें राज्य सरकार द्वारा दिया जाने वाला सहयोग काफी सरहनीय रहा है ।

आपको यह जान कर प्रसन्नता होगी कि जहां दिसंबर माह में वाराणसी दुग्ध संघ का कुल दूध संकलन 135 समितियों से 3800 लीटर था, वर्तमान में, यह संकलन लगभग 240 समितियों से औसतन 18000 लीटर तक पहुँच गया है। इसके साथ ‘Mother Dairy Fruit & Vegetable’ द्वारा प्राप्त करीब 35,000 लीटर दूध की प्रोसेसिंग भी वाराणसी दुग्ध संघ द्वारा की जा रही है। इस तरह करीब 50,000 लीटर दूध की processing और अन्य products का निर्माण वाराणसी दुग्ध संघ द्वारा किया जा रहा है। मैं वाराणसी दुग्ध संघ से जुड़े हुए सभी दुग्ध उत्पादकों और इस परियोजना के कार्यान्वयन में शामिल कर्मचारियों/ राज्य सरकार के अधिकारीगण को इस उल्लेखनीय वृद्धि के लिए बधाई देना चाहता हूं। यह खुशी की बात है कि दूध उत्पादक काफी संख्या में दुग्ध संघ से जुड़ रहे हैं और हमारा पूरा प्रयास रहा है कि आपको एक fair और transparent system दिया जाए।

दूध की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई कार्य किए गए हैं। 4 नई बीएमसी को भी install किया गया है और अब कुल कार्यरत बीएमसी की संख्या 8 हो गई है। भविष्य में हम और भी बीएमसी लगाएंगे जिन्हें टैंकर रूट से जोड़ कर दूध की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जाएगा। किसान भाइयों और बहनों से भी अनुरोध रहेगा कि आप अच्छी quality का दूध ही संकलन केंद्र पर डालें। यह आपकी संस्था है और आपको हमारे साथ इसे और आगे ले जाने में सक्रिय भागीदारी निभानी पड़ेगी।

आप सभी किसान भाइयों और बहनों को यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि पशु प्रजनन (animal breeding), पशु आहार (animal feeding) और पशु स्वास्थ्य (animal health) का दूध की उत्पादकता और इससे होने वाली आय में काफी असर पड़ता है।

हमें गर्व है कि हमारा देश विश्व में और उत्तर प्रदेश राज्य पूरे देश में सबसे अधिक दूध का उत्पादन करता है, परंतु हमें पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को और sustainable और profitable बनाने के लिए कई नयी scientific animal breeding, feeding और health interventions को आपके सहयोग से इस क्षेत्र में और पूरे देश में लागू करना जरूरी है। इस दिशा में केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और सहयोग से एनडीडीबी कई schemes/ projects/ activities को implement कर रही है।

इनमें सबसे प्रमुख है- केन्द्रीय क्षेत्र की योजना- राष्ट्रीय गोकुल मिशन जिसमें देशी गायों और भैंसों की वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण के साथ साथ आधुनिक technologies का उपयोग करके पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि और दूध उत्पादन में सतत वृद्धि के लिए कई कार्यक्रमों का किर्यान्वयण किया जा रहा है- जैसे,

    • वैज्ञानिक प्रजनन कार्यक्रमों (PT/PS) के आधार पर श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले सांड़ों का चयन और उत्पादन जिनसे high quality disease free semen doses का उत्पादन किया जा रहा है। इन semen doses से AI और other technologies के माध्यम से large scale पर breed improvement कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले NDPI और बाद में RGM के अंदर किए गए प्रयासों से, वीर्य केंद्रों में उपलब्ध 50 प्रतिशत से अधिक सांड़ों को PT/PS के High Genetic Merit bull से replace किया जा चुका है।
    • इसके साथ अधिक उत्पादन वाले पशुओं के चयन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बहु-नस्लीय जीनोमिक चिप (एनडीडीबी द्वारा विकसित INDUSCHIP और BUFFCHIP) का उपयोग भी किया जा रहा है जिसमें DNA स्तर की जानकारी के आधार पर श्रेष्ठ आनुवंशिक गुण वाले सांड़ों का चयन किया जाता है।
    • एक वर्ष में ही elite गायों या भैंसों से अधिक संख्या में संतान प्राप्त करने के लिए, ET और IVF जैसी तकनीकों को अब किसान के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार ने RGM योजना के Accelerated Breed Improvement Programme के तहत एक परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना से लगभग 2 लाख किसानों को लाभ होने की उम्मीद है।
    • एक वर्ष में ही elite गायों या भैंसों से अधिक संख्या में संतान प्राप्त करने के लिए, ET और IVF जैसी तकनीकों को अब किसान के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार ने RGM योजना के Accelerated Breed Improvement Programme के तहत एक परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना से लगभग 2 लाख किसानों को लाभ होने की उम्मीद है।
    • इसके अलावा, कार्यान्वित किए जा रहे breed improvement programmes में तेजी लाने के लिए, भारत सरकार ने 90% accuracy के साथ मादा बछड़ों के उत्पादन के लिए sex sorted semen doses के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना को भी मंजूरी दी है। अगले 5 वर्षों में sex sorted semen doses का  उपयोग करके करीब 46 लाख गर्भधारण की परिकल्पना की गई है। 
    • Frozen semen doses की गुणवत्ता में सुधार और विस्तार के लिए वर्तमान वीर्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जा रहा है। 
    • गायों और भैंसों के प्रजनन के लिए dedicated Breed Multiplication Farm की भी स्थापना की जा रही है जिसमें entrepreneurs बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं । इन फार्मों से रोग-मुक्त अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाली, विशेषकर देशी नस्ल की, बछिया/ गर्भवती बछिया/ गायों और भैंसों को किसान भाइयों और बहनों को उपलब्ध कराया जाएगा। 
    • National Digital Livestock Mission के अंतर्गत एक किसान-केंद्रित प्रणाली का भी निर्माण किया जा रहा है जिससे किसान विशेष रूप से डिजाइन किए गए राष्ट्रीय डिजिटल आर्किटेक्चर के माध्यम से सेवाएं और जानकारी निर्बाध रूप से प्राप्त कर सकेंगे। 

पशुओं के लिए हरा चारा पोषक तत्वों का सबसे किफायती स्रोत है जो दूध उत्पादन वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए आहार की लागत को कम करने में मदद करता है। किन्तु, हमारे देश में ज्यादातर क्षेत्रों में, निरंतर हरे चारे की उपलब्धता एक समस्या हैं। पशु पोषण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM)के अंतर्गत देश में गुणवत्तापूर्ण चारा बीज के उत्पादन की गतिविधियों को बढ़ाया जा रहा है और इस परियोजना के अंतर्गत quality certified breeder और foundation चारा बीजों के उत्पादन के लिए वित्तीय सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है।

 

अक्सर, डेरी किसानों को आहार खिलाने से संबंधित वैज्ञानिक पद्धति की समुचित जानकारी नहीं होती है- आनुवंशिक क्षमता के अनुरूप दूध उत्पादन प्राप्त करने के लिए, एनडीडीबी ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक user friendly android application -गोपाला विकसित किया है । इससे आहार की लागत को कम करने, डेरी पशुओं के आहार को संतुलित करने और दूध उत्पादन से लाभप्रदता में सुधार लाने में मदद मिलती है। आप इस एप्लिकेशन को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं और बड़ी आसानी से कुछ सरल प्रक्रियाओं को अपनाकर इस एप्लिकेशन की मदद से अपने पशुओं के लिए आहार का संतुलन कर सकते हैं ।

 

तीसरा महत्वपूर्ण भाग है- पशु स्वास्थ्य। जब महत्वपूर्ण डेरी पशु रोगों के लिए किफायती, प्रभावकारी, उपयोग में आसान समाधान मिलेगा तो दूध की quantity और quality दोनों बढ़ेगी। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि एनडीडीबी ने आयुर्वेदिक पशु चिकित्सा (EVM) के माध्यम से कई मुख्य पशुधन की बीमारियों की रोकथाम के लिए simple formulations बनाया है। ये formulations अधिकतर किसान के घर में उपलब्ध सामग्री से ही तैयार किए जाते हैं और एक किफायती और असरकारक समाधान प्रदान करते हैं और इससे एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में भी कमी आती है। EVM की जानकारी ई-गोपाला App में उपलब्ध है। आप सभी किसान भाइयों और बहनों से अनुरोध है की इस Application को जरूर download और use करें। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही vaccination programme भी पशु को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

 

आज इस समारोह के दौरान, मुझे आपको यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारे वाराणसी दुग्ध संघ के क्षेत्र में कई विशेष परियोजनाओं का भी कार्यान्वयन किया जा रहा है जिनका उद्देश्य है- पशुपालन को और आधुनिक बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना।

 

इनमें से पहला है- केंद्र सरकार कीवाराणसी गिर परियोजना। गिर हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ देशी दुधारू गायों में से एक है जो हमारे agro-climatic zone के लिए काफी अनुकूल है, जैसे- tropical diseases से इनकी प्रतिरोधी क्षमता, poor feed और fodder और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी दूध का उत्पादन।

इसको demonstrate और promote करने के लिए भारत सरकार ने 36.5 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ वाराणसी में अगले पांच वर्षों के लिए गिर परियोजना को लागू करने की मंजूरी दी है। इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य है:

    • गुजरात के गिर गायों की breeding tract सौराष्ट्र से 450 गिर गायों को induct किया जा रहा है जो लाभार्थी किसानों को वितरित किया जाएगा।
    • उच्च आनुवंशिक गुणों वाली गायों और male bulls के sex sorted semen doses से IVF भ्रूण का उत्पादन और उनका  उपयोग करके 5000 गर्भधारण की स्थापना की जाएगी। हर साल करीब 1000 गर्भधारण की स्थापना की जाएगी। ये राष्ट्रीय गोकुल मिशन के Accelerated Breed Improvement Programme कार्यक्रम के तहत नियोजित नस्ल सुधार प्रयासों में तेजी लाने में मदद करेगी। 
    • इस कार्यक्रम के तहत sex sorted semen doses का उपयोग करके हर साल 40000 गर्भधारण की स्थापना भी की जाएगी और इस प्रकार अगले पांच वर्षों में कुल 2 लाख गर्भधारण होंगे। 
    • इसके अलावा, वाराणसी जिले में AI के कवरेज को बढ़ाने के लिए, वाराणसी में किसानों के लिए AI services सुनिश्चित करने के लिए 100 AI Technicians का नेटवर्क भी स्थापित किया जा रहा है।

दूसरा महत्वपूर्ण प्रयास है- manure management- गोबर प्रबंधन।

 

वाराणसी में, देश में पहली बार पूरी तरह से गोबर गैस से डेयरी प्लांट का संचालन किया जाएगा। 4000 cubic meter की क्षमता का एक ऐसा बायोगैस संयंत्र लगाया जा रहा है, जहां किसानों से प्राप्त लगभग 100 मीट्रिक टन गोबर को बायोगैस आधारित thermal और विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए एकत्र किया जाएगा । 

 

इससे प्लांट के संचालन में ऊर्जा व्यय (energy cost) में कमी आएगी, गोबर की खरीद से किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होगा और साथ ही साथ गोबर से निर्मित ठोस और तरल खाद की बिक्री से भी अतिरिक्त आय होगी । एक मजबूत डेयरी मूल्य श्रृंखला के साथ एक नई manure management श्रृंखला निश्चित रूप से किसानों की आय को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी। 

 

इस अवसर पर, मैं एक बार फिर से, इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन के लिए, सभी आयोजकों को हार्दिक बधाई देता हूँ तथा विशेष रूप से, सभी लाभार्थी किसानों को बधाई देता हूं, जिन्हें आज गिर नस्ल की गायें मिल रही हैं । आशा करता हूं कि सभी लाभार्थी किसान पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन प्राप्त करने के लिए गायों की अच्छे से देख-भाल करेंगे, उनके आहार, पोषण इत्यादि की समुचित व्यवस्था करेंगे और अंततः इसके जरिए वे अपनी आय में वृद्धि करेंगे। 

 

आप सभी किसान भाइयों और बहनों की तरफ से मैं हमारे सचिव, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार श्री अतुल चतुर्वेदी जी और प्रमुख सचिव (पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्यपालन), उत्तर प्रदेश सरकार श्री सुधीर गर्ग का भी विशेष धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होनें यहाँ मौजूद संभावनाओं का आंकलन किया और एनडीडीबी को इस क्षेत्र में ‘Mission Mode’ में काम करने के लिए प्रेरित किया। 

 

मैं एक बार फिर आप सभी किसान भाइयों और बहनों से आग्रह करूंगा कि आप वैज्ञानिक पशुपालन कि पद्धतियों को पूरे मन से अपनाएँ। वाराणसी दुग्ध संघ आपका अपना है, इसे अपना पूरा सहयोग और समर्थन दें। 

 

धन्यवाद ।